भटनेर दुर्ग : हनुमानगढ़ जिला
भटनेर दुर्ग राजस्थान में निर्मित पहला दुर्ग है। इस दुर्ग पर सर्वाधिक विदेशी आक्रमण हुए है।
इस दुर्ग का निर्माण भाटी शासक भूपत के द्वारा घग्घर नदी के किनारे किया गया। इस दुर्ग का निर्माण 298 ई. में करवाया गया था। यह दुर्ग मिट्टी या कच्ची ईंटों से निर्मित है।
भटनेर दुर्ग के वास्तुकार कैकेया थे।
उपनाम - उत्तरी सीमा का प्रहरी , भाटियों की मरोड़
भटनेर दुर्ग में अनेक बुर्ज बनी हुई है। इस दुर्ग में अधिकांश महल जर्जर अवस्था में है। इस दुर्ग के भीतर गोरखनाथ मंदिर स्थित है।
भटनेर दुर्ग पर 1001 ईस्वी में मोहम्मद गजनवी ने आक्रमण किया था।
बीकानेर शासक सुरतसिंह के काल में सन 1805 ईस्वी में भटनेर के शासक जाब्ता सिंह को हराकर मंगलवार के दिन इस दुर्ग को जीत लिया था तथा इस दुर्ग का नाम हनुमानगढ़ रख दिया था।
तैमूर ने अपनी आत्मकथा "तुजूक ए तैमूरी में इस दुर्ग को भारत का सर्वश्रेठ दुर्ग कहा है।
इस दुर्ग के भीतर शेरखा की छतरी स्थित है।
इस दुर्ग में तैमूरलंग के आक्रमण के समय यहां हिंदू और मुस्लिम महिलाओं ने मिलकर जोहर किया था।
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