राजस्थान की प्रमुख साहित्यकार व रचनाएं
राजस्थान में अलग अलग काल में अनेक साहित्यकारों का जन्म हुआ जिन्होंने अपने साहित्य की कलम से इस धरा का नाम ऊंचा किया
राजस्थान के साहित्यकार व कृतियां
👉 पृथ्वीराज राठौड़
पृथ्वीराज राठौड़ का जन्म 1548 में बीकानेर ने हुआ था। इन्हे पीथल नाम से भी जाना जाता है।अकबर ने इनको गागरोन का किला जागीर में दिया था।
इनकी प्रसिद्ध रचना वेलि कृष्णन रुक्मणि री है यह राजस्थानी भाषा का सर्वोत्कृष्ट ग्रन्थ है। टेसिटोरी ने इसको डिंगल का हेरोस कहा। दूरसा आढा ने वेली कृष्णन रुक्मणि को पांचवा वेद कहा।
अन्य रचना
ठाकुर जी रा दूहा, गंगा जी रा दूहा, गंगा लहरी
👉 मुहनोत नैनसी
मुहनोत नैनसी का जन्म जोधपुर में विक्रमी संवत् 1667 में हुआ था। यह महाराजा जसवंत सिंह प्रथम के दरबारी कवि थे।रचना - मारवाड़ रा परगना री विगत - इसे राजपूताना का गजेटियर कहते है।
मुंहनोत नैनसी री ख्यात - मध्यकालीन राजस्थान के सभी राज्यो एवं प्रदेशो उनके शासकों तथा गुहिलों व राजपूतों की 36 शाखाओं का वर्णन
मुंशी देवी प्रसाद ने इनको राजपुताने का अबुल फजल कहा।
इनको आधुनिक जनगणना का अग्रज कहा जाता है।
👉 बांकीदास
बांकीदास का जन्म बाड़मेर पचभद्रा में हुआ था। यह जोधपुर महाराजा मानसिंह के काव्य गुरु थे। यह परम्परागत चारण शैली व प्राचीन डिंगल भाषा के कवि थी।
रचना - बांकीदास री ख्यात, गुरजाल भूषण, मानज, कुकवी बतिसी, कृपनबांकीदास को मारवाड़ का बीरबल कहते थे।
इनका लोकप्रिय डिंगल भाषा का गीत - आयो अंग्रेज मुल्क रेे ऊपर
👉 चंद्रबरदाई
चंद्रबरदाई का जन्म 1148 ई में लाहौर वर्तमान पाकिस्तान में हुआ था। चंद्रबरदाई साहित्य के आदि कालीन कवि और पृथ्वी राज चौहान के मित्र थे। यह अजमेर नरेश सम्राट पृथ्वीराज चौहान के राज कवि थे। यह युद्ध में अधिकतर पृथ्वीराज चौहान के साथ ही रहे।चंद्रबरदाई को हिंदी का पहला कवि का सम्मान प्राप्त है। इनकी रचना पृथ्वीराज रासो को हिंदी की पहली रचना माना जाता है। पृथ्वी राज रासो हिंदी भाषा का सबसे बड़ा काव्य ग्रन्थ है।
👉 मीरा बाई
मीरा बाई का जन्म सन् 1498 ई में मेड़ता में दूदा जी के पुत्र रतन सिंह के घर हुआ। मीरा बाई बचपन से ही कृष्ण भक्त थी। मीराबाई की रचनाएं भजन कहलाई जो उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है।👉 सुर्यमल्ल मिश्रण
इनका वास्तविक नाम सूरजमल था। इनका जन्म विक्रमी संवत् 1872 में बूंदी में हुआ था। यह बूंदी महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे। सूर्यमल्ल मिश्रण को नवजागरण के प्रथम कवि के रूप में जाना जाता है।रचना
वंश भास्कर , सती रासो, चित्रकला, बलवंत विलास , वंश भास्कर को इनके दत्तक पुत्र मुरारीदान ने पूरा किया था।
👉 कन्हैयालाल सेठिया
कन्हैया लाल सेठिया राजस्थान भाषा आधुनिक कवियों की श्रेणी में आते है। कन्हैया लाल सेठिया का जन्म चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में हुआ था। वे डिंगल भाषा के कवि थे।प्रमुख रचनाएं - पाथल ओर पिथल , मिंझर, लिलटांस, हेमानी, घरकुंचा घर मजला , धरती धोरा री हैं।
कन्हैया लाल सेठिया को इनकी प्रसिद्ध निर्ग्रन्थ के लिए 1988 में ज्ञानपीठ का मूर्तिदेवी साहित्य पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
👉 सीताराम लालस
सीताराम लालस को राजस्थानी शब्दकोश का जनक कहा जाता है।
👉 विजयदान देथा
विजयदान देथा का जन्म बोरुंदा गांव बिलाड़ा में 1926 ई में हुआ था। यह विज्जी नाम से लोकप्रिय थे।
रचना
बांता री फुलवारी - यह राजस्थानी भाषा में 12 खंडो में प्रकाशित ग्रन्थ है। बांता री फुलवारी के लिए 1974 में साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया।
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विजयदान देथा को 2007 को पद्म श्री नवाजा गया।
👉 कोमल कोठारी
कोमल कोठारी का जन्म जोधपुर में 1929 में हुआ था। यह राजस्थानी लोक गीतों व कथाओं आदि के संकलन एवं शोध हेतु समर्पित थे। भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र अतुल्य योगदान के लिए 2004 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। कोमल कोठारी ने राजस्थानी लोक कलाओं, लोक संगीत व वाद्य यंत्रों के संरक्षण ओर लुप्त हो रही कलाओं की खोज एवं लोक कलाकारों को प्रोत्साहन के लिए बोरुंदा में रुपायन संस्थान की स्थापना की गई।👉श्यामल दास
इनका जन्म भीलवाड़ा के ढोलकिया ग्राम में हुआ था। यह मेवाड़ महाराणा सज्जन सिंह के कृपापात्र थे। महाराणा सज्जन सिंह ने इनको कविराज की उपाधि दी।मेवाड़ के पॉलिटिकल एजेंट कर्नल हम्पी ने इनको केसर ए हिन्द की उपाधि दी।
रचना
वीर विनोद - मेवाड़ राज्य का इतिहास
👉 मुंशी देवी प्रसाद
इनका जन्म जयपुर में हुआ था। मुंशी देवी प्रसाद को आधुनिक इतिहास के उन्नायक मारवाड़ के कानून निर्माता के रूप में जाना जाता है। इन्होंने जोधपुर महाराजा जसवंत सिंह के यहां मुंशी के रूप में कार्य किया था।रचना
ग्रन्थ - भारमल, रूठी रानी, महिला मृदुवानी, कवि रत्नमाला, मारवाड़ की कृष्णा कुमारी बाई,
कोहिनूर - समाचार पत्र अजमेर से प्रकाशित करवाया
साहित्यकार व कृतियां
1. कन्हैया लाल सेठिया - पाथल व पीतल , धरती धोरा री, लिलटांस
2. रांगेय राघव - उपन्यास - घरौंदे, मुर्दों का टीला, कब तक पुकरू, आज की आवाज
3. विजयदान देथा - उपन्यास - तिडो राव, मां रो बदलो कहानियां - अलेखुं, हिटलर, बाता री फुलवारी, दुविधा
4. यादवेन्द्र शर्मा ' चंद्र ' - उपन्यास - हूं गोरी किन पिव री, खम्मा अन्नदाता, मिट्टी का कलंक, जनानी ड्योढ़ी, हजार घोड़ों का सवार, जमारो ( नाटक )
5. नारायण सिंह भाटी - कविता संग्रह - सांझ, दुर्गादास, परमवीर ओलूं, मीरा
6. शिवचंद्र भरतिया - कनक सुंदर ( राजस्थान का प्रथम उपन्यास) , केसरविलास ( राजस्थानी भाषा का प्रथम नाटक)
7. भरत व्यास - रंगीलो मारवाड़
8. श्री लाल नथमल जोशी - उपन्यास - आभा पटकी, एक बीननी दो बींद
9. लक्ष्मी कुमारी चुड़ावत - कहानियां - मंझली रात, मूमल, भारमली
10. स्व. हम्मिदुल्ला - नाटक - दरिंदे, ख्याल, भारमली,
11. चंद्रप्रकाश देवल - पागी, बोलो, माधवी
12. चंद्रसिंह बिरकाली - सेनानी
13 सीताराम लालस - राजस्थानी शब्द कोश
14. हरिराम मीणा - हां , चांद मेरा है।
15. रेवंत दान चारण - बरखा
16 कुंदन माली - सागर
राजस्थान भाषा व साहित्य की प्रमुख रचना
2. बेलि कृष्णन रुक्मणि री - पृथ्वीराज राठौड़
3. बिसलदेव रासो - नरपति नाल्ह
4. खुमान रासो - दलपत विजय
5. शारंगधर संहिता - शारंगधर
6. हम्मीर रासो - जोधराज
7. वंश भास्कर - सूर्यमल्ल मिश्रण
8. वीर सतसई - सूर्यमल्ल मिश्रण
9. मुंहनोत नैनसी री ख्याल - मुंहनोत नैनसी
10. अचलदास खींची री वचनिका - शिवदास गाडन
11. राव जेतसी री छंद - बीठु सुजा
12. विरूद् छहतरी - दुरसा आढा
13. वीर विनोद - श्याममल्ल दास
14. हाल झाला री कुंडलियां - इशरदास
15. हम्मीर मदमर्दन - जयसिंह सुरी
16 लिलटांस - कन्हैया लाल सेठिया
17. सती रासो - सूर्य मल्ल मिश्रण
18. ढोला मारू रा दूहा - कवि कलोल
19 मेघदूत - मनोहर प्रभाकर
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