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Monday 21 June 2021

राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था

              राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था

राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था

आधुनिक भारत में पहली बार तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गांव में 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई। 

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 40 में राज्यों को पंचायतों के गठन का निर्देश दिया गया है।

24 अप्रैल 1993 को 73 वा संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा हासिल हुआ।


बलवंत राय मेहता समिति 

बलवंत राय मेहता समिति का गठन पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए वर्ष 1956 में बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में किया गया।

इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 1957 में प्रस्तुत की। इस समिति की सिफारिशों को 1 अप्रैल 1958 को लागू किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार - 

लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण और सामुदायिक विकास कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु पंचायती राज व्यवस्था को तुरंत शुरुआत की जानी चाइए।

पंचायती राज की व्यवस्था त्रिस्तरीय होनी चाइए।

पंचायती राज व्यवस्था को मेहता समिति ने लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण का नाम दिया।

समिति ने ग्रामीण के लिए त्रि स्तरीय व्यवस्था का सुझाव दिया वो निम्न है।

ग्राम - ग्राम पंचायत 
खंड - पंचायत समिति 
जिला - जिला परिषद 


प्रमुख समितियां 

⏺️ बलवंत राय मेहता समिति - 1957, तीन स्तरीय समिति 

⏺️ के संथानम समिति - 1963, वित्तीय स्थिति मजबूत करने की सिफारिश 

⏺️ अशोक मेहता समिति - 1977, दो स्तरों व वित्त आयोग की स्थापना की सिफारिश 

⏺️ लक्ष्मीमल सिंघल समिति - 1986, सैवेंधानिक दर्जा देने की सिफारिश 


ग्राम पंचायत 

पदाधिकारी - सरपंच , उपसरपंच, वार्ड पंच 

जनसंख्या - 1000 पर न्यूनतम 9 वार्ड व प्रति 1000 बढ़ने पर 2 वार्ड अतिरिक्त सदस्य 

निर्वाचन - सरपंच व वार्ड पंच का व्यवस्क मताधिकार द्वारा व उपसरपंच बहुमत से 

सरकारी अधिकारी - ग्राम सचिव 

शपथ - पीठासीन अधिकारी द्वारा 

कार्यकाल - प्रथम बैठक से 5 वर्ष तक 

त्याग पत्र - तीनों विकास अधिकारी को 

निर्वाचित होने की आयु - 21 वर्ष 

बैठक - 1 माह में 2 बार ओर वर्ष में 24 बार 

अविश्वास प्रस्ताव - 1/3 सदस्यों द्वारा लाया जाता है 3/4 बहुमत से पारित होगा। अविश्वास प्रस्ताव प्रथम 2 वर्ष में नही लाया जाता और अंतिम 6 महीने में भी नही ला सकते ।

वेतन - केवल सरपंच को 3500 रुपए, भत्ता - 200 रुपए।


पंचायत समिति 

पदाधिकारी - प्रधान, उपप्रधान व समिति सदस्य 

जनसंख्या -  1 लाख की जनसंख्या पर 15 सदस्य व प्रति 15 हजार बढ़ने पर 2 अतिरिक्त सदस्य 

निर्वाचन - पंचायती सदस्यों का चुनाव व्यवस्क मताधिकार द्वारा, प्रधान व उपप्रधान बहुमत से 

सरकारी अधिकारी - बी. डी. ओ 

शपथ - उपखंड अधिकारी 

कार्यकाल - प्रथम बैठक से 5 वर्ष तक 

त्याग पत्र - सदस्य व उपप्रधान प्रधान को व प्रधान जिला प्रमुख को 

निर्वाचित होने की आयु - 21 वर्ष 

बैठक - 1 माह में 1 बार , वर्ष में 12 बार 

अविश्वास प्रस्ताव - 1/3 सदस्य द्वारा लाया जाता है। 3/4 बहुमत से पारित होना आवश्यक , प्रथम 2 वर्ष तक ओर अंतिम 6 महीने में अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला सकते है।

वेतन - प्रधान को 6000 रुपए और भत्ता 300 रुपए 


जिला परिषद 

पदाधिकारी - जिला प्रमुख, उपजिला प्रमुख, जिला परिषद सदस्य 

जनसंख्या - 4 लाख की जनसंख्या पर 17 सदस्य व प्रति 1 लाख बढ़ने पर 2 अतिरिक्त सदस्य 

निर्वाचन - जिला परिषद के सदस्य का चुनाव व्यवस्क मताधिकार द्वारा, प्रमुख व उपप्रमुख का बहुमत द्वारा 

सरकारी अधिकारी - सी. ई. ओ. 

शपथ - जिला कलेक्टर 

कार्यकाल - प्रथम बैठक से पांच वर्ष तक 

त्याग पत्र - उपजिला प्रमुख व जिला परिषद के सदस्य जिला प्रमुख को, जिला प्रमुख संभागीय आयुक्त को 

निर्वाचित होने की आयु - 21 वर्ष 

बैठक - 3 माह में 1 बार , वर्ष ने 4 बैठक 

अविश्वास प्रस्ताव - 1/3 सदस्यों द्वारा लाया जाता है, 3/4 बहुमत से पारित होना आवश्यक , प्रथम 2 वर्ष ओर अंतिम 6 माह में अविश्वास प्रस्ताव नही लाया जा सकता।

वेतन - जिला प्रमुख को 9000 रूपए ,भत्ता 500 रुपए 



राजस्थान में पंचायती राज संस्थाएं 

⏺️ कुल जिला परिषद -       33 

⏺️ कुल पंचायत समिति -    352 

⏺️ कुल ग्राम पंचायत     -    11341 

⏺️ ओसत ग्राम पंचायत प्रति ग्राम पंचायत समिति - 32 

⏺️ ओसत पंचायत समिति प्रति जिला परिषद - 11 

⏺️ कुल प्रशिक्षण केंद्र  - 5 

⏺️ प्रशिक्षण क्षमता -250 

⏺️ जिला प्रमुख - 33 

⏺️ प्रधान - 295 

⏺️ जिला परिषद सदस्य - 1014 

⏺️पंचायत समिति सदस्य - 6236 

⏺️ सरपंच - 11320 

⏺️ वार्ड पंच - 10707 

स्रोत - ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (राजस्थान सरकार)



पंचायती राज व्यवस्था से संबधित प्रश्न 

1. राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था का शुभारंभ निम्न में से किस पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत किया गया ?

उत्तर - द्वितीय 

2. किस संवैधानिक संस्थान के उपरांत राजस्थान में नगरपालिकाओं का कार्यकाल 5 वर्ष निश्चित किया गया ?

उत्तर - 74 वा संविधान संशोधन 

3. राजस्थान में जिला परिषद की आय का मुख्य स्त्रोत है ?

उत्तर - पेयजल कर, मेलों हेतु लाइसेंस फीस, कृषि उपज की मार्केट फीस पर 1/2 % सरचार्ज 

4. राजस्थान में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों का चयन कहां होता है?

उत्तर - ग्राम सभा 

5.  पंचायती राज व्यवस्था से संबधित पुस्तक माई पिक्चर ऑफ फ्री इंडिया किसकी रचना है ?

उत्तर - महात्मा गांधी 

6. राजस्थान में ग्राम पंचायत के उप सरपंच का निर्वाचन किसके द्वारा किया जाता है ?

उत्तर - पंचों द्वारा अपने में से ही।

7. राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाने का दायित्व किसका है ?

उत्तर - राज्य निर्वाचन आयोग का 

8. भारत में पहली बार पंचायती राज व्यवस्था को किस राज्य में लागू किया गया ?

उत्तर - राजस्थान के नागौर जिले के बगदरी गांव 

9. किस संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को प्रभावी व सशक्त संवैधानिक स्थिति प्रदान की गई ?

उत्तर - 73 वा संविधान संशोधन 

10. पंचायती राज का स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित हुआ?

उत्तर - 2 अक्टूबर 2009 

11. निम्न में से किसने पंचायती राज को नए भारत का सर्वाधिक महत्वपूर्ण एव ऐतिहासिक कदम घोषित किया है?

उत्तर - पंडित जवाहर लाल नेहरू 

12. राजस्थान में सादिक अली समिति का संबध रहा है?

उत्तर - पंचायती राज व्यवस्था के अध्ययन में 

13. निम्नलिखित संवैधानिक अनुच्छेदों में से कौनसा अनुच्छेद पंचायत के बारे में 73वे संशोधन द्वारा जोड़ा गया था?

उत्तर - 243A से 243 O तक 

14. किस समिति की सिफारिश पर देश में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया ?

उत्तर - बलवंत राय मेहता



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