जूनागढ़ फोर्ट (बीकानेर किला)
उपनाम - जमीन का जेवर , गढ़ चिंतामणि
जूनागढ़ फोर्ट राजस्थान के बीकानेर जिले में स्थित है। यह दुर्ग राव बीका की टेकरी पर लाल पत्थरों से निर्मित है। इसका निर्माण बीकानेर के राजा रायसिंह के समय इनके प्रधानमंत्री करम चंद ने 1589 -1594 मे कराया था।
जूनागढ़ फोर्ट को गढ़ चिंतामणि कहा जाता है। यह दुर्ग चतुष्कोणीय है इसपर 17 बुर्ज निर्मित है।
इसका मुख्य प्रवेश द्वार सुरजपोल कहलाता है, इसके मुख्य प्रवेश द्वार पर जयमल राठौड़ और पत्ता सिसोदिया को गज्जारुढ मूर्तिया है जो बीकानेर के राजा रायसिंह ने लगवाई थी।
इसका एक अन्य प्रवेशद्वार कर्ण पोल है इस प्रवेश द्वार पर रायसिंह प्रशस्ति स्थित है जिसे जूनागढ़ प्रशस्ति भी कहते है यह प्रशस्ति संस्कृत भाषा में लिखित है जिसके लेखक जईता थे। इस प्रशस्ति का निर्माण राजा रायसिंह ने करवाया था। इस प्रशस्ति में बीकानेर के राठोड़ों का इतिहास अंकित है
जूनागढ़ फोर्ट के प्रमुख महल
अनूप महल - राजा अनूप सिंह द्वारा निर्मित महल
कर्ण महल - राजा कर्ण सिंह द्वारा निर्मित महल
गंगा निवास महल
लाल निवास महल
सरदार महल
पंडित दीनानाथ शर्मा ने इस फोर्ट के बारे में कहा था - "दीवारों के कान होते है ऐसा मेने सुना था लेकिन यहां की दीवारें बोलती है।
यह राजस्थान का प्रथम दुर्ग है जिसमे लिफ्ट लगवाई गई थी।
यह दुर्ग हिंदू और मुस्लिम शैली में निर्मित है।
जूनागढ़ फोर्ट में स्थित मंदिर
हेरम्ब गणपति - यह गणेश जी का मंदिर है, इस मंदिर में गणेश जी चूहे पर सवार न होकर सिंह पर सवार है।
33 करोड देवी देवताओं का मंदिर - इस मंदिर का निर्माण राजा अनूप सिंह ने करवाया था।
नागणेची माता का मंदिर - जूनागढ़ फोर्ट में स्थित नागणेची माता का मंदिर है , नागणेची माता बीकानेर के राठौड़ों की कुल देवी है।
करणी माता मंदिर - यह मंदिर दुर्ग में स्थित है करणी माता बीकानेर के राठौड़ों की आराध्य देवी है।
लक्ष्मीनाथ मंदिर - इन्हे बीकानेर के राठौड़ों के कुल देवता माना जाता है।
जूनागढ़ फोर्ट में एल पी टेसीटोरी का संग्रहालय स्थित है।
Shandar
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