-->

Saturday 27 March 2021

आमेर दुर्ग ( आमेर)

                   आमेर दुर्ग (आमेर) 

आमेर दुर्ग का निर्माण मिर्जा राजा मानसिंह ने 1593 ई. में जयपुर के निकट आमेर नामक स्थान पर अरावली की पहाड़ियों पर किया।

यह स्थान अंबिकेश्वर महादेव के नाम पर आंबेर / आमेर कहलाया।

यह राजस्थान का प्रथम दुर्ग है जो हिंदू और मुगल शेली में निर्मित है।

आमेर दुर्ग के मुख्य प्रवेश द्वार - गणेश पोल ओर जयपोल 

फर्ग्यूसन के अनुसार गणेश पोल विश्व का सर्वश्रेष्ठ प्रवेश द्वार है।



शीशमहल - आमेर दुर्ग के अंदर बना हुआ शीशमहल सबसे सर्वश्रेष्ठ शीशमहल है।


शीला माता का मंदिर - राजा मानसिंह द्वारा बनाया गया शीला माता आमेर दुर्ग के अंदर गणेश पोल पर स्थित है यह जयपुर के कच्छवा वंश की आराध्य देवी मानी जाती है। मिर्जा राजा मानसिंह ने 1604 ई में बंगाल में जेसोर के राजा को हराकर शिला माता की मूर्ति को प्राप्त किया था।

जगत शिरोमणि मंदिर - यह मंदिर रानी कनकावती द्वारा बनाया गया है।

सुहाग मंदिर - इसकी सौभाग्य मंदिर भी कहते है।

कदमी महल - राजा रामदेव द्वारा इस महल का निर्माण करवाया गया । यह आमेर दुर्ग का सबसे प्राचीन महल है ।

आमेर दुर्ग की तलहटी मावटा झील जिसमे केसर क्यारी है।


आमेर दुर्ग में स्थित महल 

दीवान - ए - खास 

दीवान - ए - आम 

सुख मंदिर 

यश मंदिर 

सौभाग्य मंदिर 

एक जैसे सोलह महल 


विशप हेबर - मैने क्रेमलिन में जो देखा और अल ब्रह्म के बारे में जो सुना, यहां के महल उससे बढ़कर है।


0 comments:

Post a Comment

thanks


rajasthan gk

Labels

Popular Posts

Categories

Blog Archive

Search This Blog