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Tuesday 2 June 2020

डूंगरपुर जिला सामान्य ज्ञान

            डूंगरपुर जिला सामान्य ज्ञान


डूंगरपुर जिला दर्शन
डूंगरपुर जिला दर्शन

                 डूंगरपुर जिला दर्शन


उपनाम - पहाड़ियों की नगरी
डूंगरपुर की स्थापना राव डूंगरसिंह ने 1358 ई में की थी। डूंगरसिंह के नाम पर ही डूंगरपुर बसाया गया।
डूंगरपुर जिला वागड़ प्रदेश में आता है। जंगलों के प्रदेश को वागड़ प्रदेश कहा जाता है। वागड़ प्रदेश की प्राचीन राजधानी बड़ोद गांव था।
डूंगरपुर में डामोर जनजाति सीमलवाड़ा पंचायत समिति में रहती है।

गलियाकोट 
यह दाऊदी बोहरा सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है, यहां पर पीर फखरुद्दीन बाबा की मजार है

बेनेश्वर धाम 
इसे वागड़ का पुष्कर ओर वागड़ का कुम्भ कहते है।
बैनेश्वर धाम नवाटपूरा गांव में स्थित है। सोम, माही, जाखम नदियों के संगम पर बेणेश्वर धाम स्थित है।
बेणेश्वर मेला 
यह एक जनजाति मेला है , यह मेला माघ शुक्ला एकादशी से माघ शुक्ला पूर्णिमा तक लगता है। इस मेले को आदिवासियों का कुम्भ कहते है

संत मावजी
संत मावजी मुख्यत साबला गांव से है। इन्हे वागड़ का धनी कहते है। यह भगवान विष्णु के निष्कलंक अवतार माने जाते हैं। यहां पर निष्कलंक सम्प्रदाय की पीठ स्थित है

भोगीलाल पंड्या
भोगीलाल पंड्या डूंगरपुर से है इनको वागड़ का गांधी कहते है। इन्होंने बांगड़ सेवा मंदिर ओर बांगड़ सेवा संघ की स्थापना 1917 में डूंगरपुर में की।

गुरु गोविन्द सिंह
गुरु गोविन्द सिंह का जन्म 1858 ई में बांसिया गांव में हुआ था। इनका जन्म बंजारा परिवार में हुआ था । इन्होंने भगत आंदोलन की शुरुआत की थी।

धन माता व काली माता मंदिर
यह मंदिर डूंगरपुर में स्थित है। यह मंदिर कला कोशल का एक अद्भुत नमूना है। इस मंदिर में प्रज्वलित दीपक को वायु का तीव्र वेग भी नहीं बुझा सकता है।

देव सोमनाथ मंदिर - 
यह शिव मंदिर देवपुरा डूंगरपुर में स्थित है। यह मंदिर पोरवा पत्थर से बना हुआ है। यह मंदिर स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। यह सोम नदी के किनारे स्थित है।

एक थंबिया महल 
 डूंगरपुर में स्थित इस एक थंबीया महल का निर्माण राजमाता ज्ञान कंवर की स्मृति में महारावल शिवसिंह ने शिव ज्ञानेश्वर शिवालय का निर्माण करवाया 

बरबुदनिया
यहां पर देश का तीसरा व जनजाति क्षेत्र में देश का पहला  महिला मिनी सहकारी बैंक स्थापित है।

                      महत्वपूर्ण तथ्य

गवरी बाई - वागड़ की मीरा 
गवरी नृत्य - भील जनजाति का नृत्य
राड रमन - होलिका दहन के दूसरे दिन राड का आयोजन होता है।
गेबसागर झील - डूंगरपुर
सोम कमला अंबा परियोजना - डूंगरपुर
मेंवल क्षेत्र - डूंगरपुर ओर बांसवाड़ा के बीच का क्षेत्र
एडवर्ड तालाब - डूंगरपुर
जूना महल - डूंगरपुर
फ्लोराइट उत्पादन -  मांडो की पाल डूंगरपुर
नाेलखा बावड़ी - रानी प्रेमल देवी ने इस बावड़ी का निर्माण करवाया था।
मामा भांजा का मंदिर - बड़ोद डूंगरपुर
बोडीगामा - देश का प्रथम पूर्ण साक्षर गांव
रमकड़ा उद्योग - गलियाकोट
मुरला गणेश - डूंगरपुर




1 comment:

thanks


rajasthan gk

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