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Tuesday 9 June 2020

भीलवाड़ा जिला सामान्य ज्ञान /भीलवाड़ा जिला दर्शन/ bhilwada gk

       भीलवाड़ा जिला सामान्य ज्ञान

भीलवाड़ा जिला दर्शन
भीलवाड़ा जिला

               भीलवाड़ा जिला दर्शन

11 वी शताब्दी में एक भील व्यक्ति ने एक शिव मंदिर का निर्माण करवाया ओर इसके चारो एक बस्ती का निर्माण किया वो जगह भीलवाड़ा कहलाती है। 
उपनाम
अभ्रक नगरी, राजस्थान का मेनचेस्टर, राजस्थान की वस्त्रनगरी
भीलवाड़ा जिले में कोई अभ्यारण्य नहीं है। यह जिला पीतल के बरतनों के लिए प्रसिद्ध है।
भीलवाड़ा सूती वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।

फूलडोल मेला 
फूलडोल मेला भीलवाड़ा शाहपुरा में आयोजित होता है। यहां पर रामस्नेही सम्प्रदाय की प्रमुख पीठ स्थित है। इसके संस्थापक रामचरण जी थे। यह रामस्नेही सम्प्रदाय का राज्य का सबसे बड़ा मेला है।

बागौर
भीलवाड़ा जिले का यह स्थान पाषाण कालीन सभ्यता का प्रमुख स्थल है। यह स्थल कोठारी नदी के किनारे है। 
महासतियो का टीला - बागौर भीलवाड़ा में कोठारी नदी के किनारे स्थित है।

मेजा बांध
मेजा बांध कोठारी नदी पर बना हुआ बांध है इसका निर्माण 1952-53 में हुआ था। यहां पर बना हुआ मेजा पार्क को ग्रीन माउंट कहा जाता है।

तिलस्वां महादेव का मंदिर
तिलस्वां महादेव का मंदिर तिलस्वां में स्थित है। शिवरात्रि में यहां तिलस्वां महादेव मेले का आयोजन होता है। यहां पर कुष्ठ ओर चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है।

बीगोद
इस स्थान ओर बनास, बेड़च ओर मेनाल नदियों का संगम होता है।

नाहर नृत्य
यह भीलवाड़ा में होली के तेरह दिन बाद होता है।

बनेड़ा
बनेड़ा नगर में नग्न मूर्तियां प्राप्त होने के कारण इसे भीलवाड़ा का खजुराहो कहते है।
बनेड़ा का किला
इस किले का निर्माण राजा सरदार सिंह ने कराया था।

अभ्रक की छपाई - भीलवाड़ा में होती है स्थानीय भाषा में इसे भोडल भी कहते है।

केसरी सिंह बारहठ
इनका जन्म शाहपुरा भीलवाड़ा में हुआ था। इनके द्वारा लिखी हुई चेतावनी की चुंगठिया को पढ़कर मेवाड़ मेवाड़ महाराणा फतेह सिंह ने लार्ड कर्जन के दरबार का बहिष्कार किया था। शाहपुरा बस स्टैंड पर केसरी सिंह, जोरावर सिंह, प्रताप सिंह बारहठ की मूर्तियां स्थापित है।

बिजोलिया
राजस्थान का प्रसिद्ध किसान आंदोलन बिजोलिया किसान आंदोलन यही हुआ था। यहां पर प्रसिद्ध मंदाकिनी का मंदिर है।
बिजोलिया शिलालेख
इस शिलालेख में चौहानों को वत्स गोत्रिय ब्राह्मण बताया गया है। इसकी स्थापना जैन श्रावक लोलक ने की थी।

मेवाड़ टेक्सटाइल मिल लिमिटेड
इसकी स्थापना 1938 में हुई थी। भीलवाड़ा सूती वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है।
माणिक्य लाल वर्मा टेक्सटाइल इंस्टीट्यूट की स्थापना 1988 में की गई।

रूठी रानी का महल - धोड़ भीलवाड़ा । यह महल पृथ्वीराज सिसोदिया जिसे उड़ना राजकुमार भी कहते है कि रानी तारा बाई का महल था।

< यह भी देखें राजस्थान की जलवायु


                     महत्वपूर्ण तथ्य

तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई - भीलवाड़ा
जहाजपुर - महाभारत कालीन अवशेष प्राप्त हुए है।
नांदसा युप स्तूप - भीलवाड़ा यहां पर धार्मिक कार्यों की जानकारी मिली थी।
सवाई भोज का मंदिर - भीलवाड़ा
शाहपुरा पड़ चित्र शैली के लिए प्रसिद्ध है।
बाईसा महारानी का मंदिर - गंगापुर
कैलाश जागेटिया - क्लॉथ आर्ट के जन्मदाता
कम्प्यूटर एडेड डिजाइन सेंटर - भीलवाड़ा
वनस्पति घी उद्योग भीलवाड़ा में स्थित है
राजस्थान का प्रथम अलंकृत गुफा बांका में मिली ।
गुदड़ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ दांतडा भीलवाड़ा में है।
घनोप माता का मंदिर - धनोप गांव भीलवाड़ा
चिमना बावड़ी - शाहपुरा में स्थित है इसका निर्माण महाराजा उम्मेदसिंह ने कराया था।
मांडल - यहां प्राचीन स्तम्भ मिंदारा है।
सिंगोली के श्याम मंदिर - सिंगोली गांव











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