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Monday 1 June 2020

बांसवाड़ा जिला सामान्य ज्ञान

              बांसवाड़ा जिला सामान्य ज्ञान

बांसवाड़ा जिला राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित है। इसकी सीमा गुजरात व मध्यप्रदेश राज्य से लगती है। इस जिले की मुख्य नदी माही नदी है। यहां पर मुख्यत वागड़ी भाषा बोली जाती है।
बांसवाड़ा जिला दर्शन
बांसवाड़ा जिला दर्शन

                बांसवाड़ा जिला दर्शन

बांसवाड़ा जिला वागड़ प्रदेश का ही भाग है।
बांसवाड़ा की स्थापना महारावल जगमाल ने की थी।
इसे 100 दीपो का शहर कहते है।
बांस के पेड़ की अधिकता के कारण इस प्रदेश का नाम बांसवाड़ा पड़ा।
यह भी कहा जाता है कि बांसिया भील का राज होने के कारण इसका नाम बांसवाड़ा पड़ा।

त्रिपुर सुंदरी का मंदिर
इसे तुरताई माता का मंदिर भी कहा जाता है। तलवाड़ा बांसवाड़ा में स्थित इस मंदिर में मूर्ति की अष्टादश भुजा है। इसलिए इसे 18 भुजाओं वाली माता भी कहते है। इस माता की पीठ पर श्री यंत्र अंकित है। यह पांचाल जाती की कुलदेवी है।

अर्थुना के शिव मंदिर
यह बांसवाड़ा में स्थित है। अर्थुना का प्राचीन नाम उत्थुंनक मिलता है।

माही बजाज सागर बांध
माही नदी पर स्थित यह बांध बांसवाड़ा में है। यह आदिवासी क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजना है।

नौगामा के जैन मंदिर
नौगामा के जैन मंदिर बांसवाड़ा में है। महारावल उदय सिंह के समय इस मंदिर का निर्माण हुआ था। यह मंदिर शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर है।

वागड़ के कल्प वृक्ष
बांसवाड़ा रतलाम मार्ग पर बाई का तालाब के किनारे दो बड़े कल्प वृक्ष है।

मानगढ़ धाम मेला - मानगढ़ पहाड़ी पर।
यह मेला माघ शीर्ष पूर्णिमा को लगता है।

कल्लाजी का मेला 
यह मंदिर गोपीनाथ का गढ्डा बांसवाड़ा में लगता है।

नंदिनी माता तीर्थ स्थल
यह तीर्थ स्थल बडोदिया बांसवाड़ा में स्थित है यहां पर आने वाले पत्थर के घरोंदे बनाते है।

                        महत्वपूर्ण तथ्य


छिछ का ब्रह्मा मंदिर - बांसवाड़ा
कागदी पिकअप बांध - काग़दी झील के किनारे बांसवाड़ा
आनंद सागर झील - बांसवाडा के शासकों की छतरियां
आनंद पूरी भूकीया - सोने के भंडार क्षेत्र
कालीजरा मंदिर - बांसवाड़ा
घोटिया अंबा का मेला - बारीगामा बांसवाड़ा
अब्दुला पीर की मजार - भगवानपुर गांव बांसवाड़ा



    

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