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Saturday 16 May 2020

राजस्थान का भूगोल ( भौतिक संरचना)

         राजस्थान का भूगोल ( भौतिक संरचना)
                     भौतिक स्वरूप भाग 2

                2. अरावली पर्वतीय प्रदेश



उत्पति - अरावली पर्वतमाला की उत्पति गोंडवाना लैंड से मानी जाती है, यह विश्व की सबसे प्राचीनतम वलित पर्वतमाला है,  प्री. केंब्रियन काल में इसकी उत्पति हुई।

विस्तार

          इसका विस्तार भारत में पालनपुर गुजरात से रायसीना दिल्ली तक है।इसकी लंबाई 692 km  है।
राजस्थान में इसका विस्तार सिरोही से खेतड़ी झुंझुनू तक है, राजस्थान में इसकी लंबाई 550 km  है।
अरावली पर्वतमाला की कुल लंबाई का 80% भाग राजस्थान में है।
अरावली पर्वतमाला का विस्तार दक्षिण पश्चिम से उत्तर पूर्व की और है
अरावली पर्वतमाला की ओसत सुमद्र तल से ऊंचाई 930 मीटर है।
अरावली पर्वतीय प्रदेश राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 9.3% है तथा जनसंख्या का 10% निवास करती है।
राजस्थान के 7 जिले इस प्रदेश के अन्तर्गत आते है।
अरावली पर्वतमाला को महान भारतीय जल विभाजक रेखा कहते है। अरावली पर्वतमाला के पश्चिम में 50 सेमी से कम वर्षा ओर पूर्व में 50 सेमी से ज्यादा वर्षा होती है
50 सेमी वर्षा रेखा अरावली पर्वत के समांतर गुजरती है।
राजस्थान की नदियां जो अरावली पर्वतमाला के पश्चिम से निकलती है वो अरब सागर में  गिरती है और जो पूर्व से निकलती है वो बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
अरावली पर्वतीय प्रदेश में मुख्यत आग्नेय/प्राथमिक चट्टाने पायी जाती है।
इस पर्वतीय क्षेत्र में लाल मृदा की प्रधानता पाई जाती है
अरावली पर्वतीय क्षेत्र में सर्वाधिक वन सम्पदा, वन्य जीव जंतु पाए जाते हैं।
राजस्थान में सर्वाधिक जनजाति इसी प्रदेश में निवास करती है।

अरावली पर्वतमाला को ऊंचाई के आधार पर तीन भागो में विभाजित किया गया है

1. उत्तरी अरावली - इसमें मुख्यत तीन जिले आते है अलवर   जयपुर, दोसा।
उत्तरी अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी रघुनाथगढ़ सीकर में 1055 मीटर है।
उत्तरी पर्वतमाला में स्थित पहाड़ियां -

रघुनाथगढ़ (सीकर) -1055 मीटर

खो (जयपुर)  920 मीटर

भरोच (अलवर) 792 मीटर

बरवाड़ा (जयपुर) 786 मीटर

बबोई (झुंझुनूं) - 780 मीटर

बेराठ (जयपुर) 704 मीटर



2. मध्य अरावली प्रदेश - अजेमर क्षेत्र

यह राजस्थान का सबसे छोटा भौतिक प्रदेश है।

यहां की पहाड़ियां क्रमशः

मेरिया टाडगढ़ - 933 मीटर

तारागढ़ (अजमेर) - 870 मीटर

नाग पहाड़ (पुष्कर) - 795 मीटर

दर्रे- पहाड़ों के बीच में छोटा सा भाग
यहां स्थित दर्रे सुरा घाट, शिवपुरी, अरनिया, पाखेरिया, पीपली, झीलवाड़ा आदि प्रमुख हैं।


3. दक्षिणी अरावली प्रदेश - इसमें दो भाग है

आबुखंड - यह मुख्य रूप से सिरोही में स्थित है , पूर्वी सिरोही में पायी जाने वाली पहाड़ियों को भाकर कहा जाता है।
उड़िया का पठार - यह सिरोही जिले में स्थित है। यह राजस्थान का सबसे ऊंचा पठार है इसकी ऊंचाई 1360 मीटर है। उड़िया के पठार पर माउंट आबू बसा है।

मेवाड़ प्रवेश -
भोराठ का पठार - गोगुंदा (उदयपुर) ओर कुंभलगढ़ (राजसमंद) के बीच स्थित पठार भोराठ का पठार कहलाता है
उपरमाल का पठार - यह बिजोलिया (भीलवाड़ा) से भेंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) के मध्य स्थित पठारी क्षेत्र को उपरमाल का पठार कहते है।
लासोडिया का पठार - यह पठार उदयपुर में स्थित है।
भोमट का पठार - यह पठार उदयपुर ,बांसवाड़ा, डूंगरपुर के मध्य स्थित है।
मेसा का पठार - चित्तौड़गढ़ में स्थित है, चित्तौड़गढ़ दुर्ग इसी  मेसा के पठार पर स्थित है।

पहाड़ियां - दक्षिणी अरावली प्रदेश में स्थित पहाड़ियां

गुरु शिखर (सिरोही) - 1722 मीटर राजस्थान की सबसे ऊंची चोटी

सेर (सिरोही) - 1597 मीटर

दिलवाड़ा (सिरोही) -1442 मीटर

जरगा (उदयपुर) - 1431 मीटर

अचलगढ (सिरोही) - 1380 मीटर

कुंभलगढ़ (राजसमंद) -1224 मीटर

ऋषिकेश (सिरोही) - 1017 मीटर

कमलनाथ (उदयपुर) - 1001मीटर

सज्जनगढ़ (उदयपुर) -938 मीटर

इसराना भाखर - 869 मीटर

डोरा पर्वत (जालोर) - 869 मीटर

रोजा पर्वत (जालोर) - 730 मीटर

यहां स्थित दर्रे

देसूरी नाल - पाली

सोमेश्वर नाल - राजसमंद

कामली घाट - राजसमंद

घोरम घाट - राजसमंद

देबारी - उदयपुर

हाथीदर्रा - उदयपुर

केवड़ा की नाल - उदयपुर

फुलवारी की नाल - उदयपुर

हाथी गुडा - राजसमंद

जिलवा/पगल्या की नाल -  राजसमंद, यह मारवाड़ को मेवाड़ से अलग करती है।

गिरवा- उदयपुर के आसपास पाई जाने वाली तस्तरीनुमा पहाड़ियां

देशहरो - उदयपुर में स्थित जरगा ओर रागा की पहाड़ियों के मध्य का भू - भाग

मेवल - डूंगरपुर ओर बांसवाड़ा के मध्य का पहाड़ी क्षेत्र

           rajasthan gk in hindi
            भौतिक स्वरूप भाग 3 ओर 4

2 comments:

thanks


rajasthan gk

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