सिरोही जिला सामान्य ज्ञान
सिरोही जिला
- सिरोही क्षेत्र को कालांतर में आर्बुद प्रदेश कहा जाता था
- यह क्षेत्र राज्य का सर्वाधिक पर्वतमाला वाला भाग है
- सिरोही राजस्थान का शिमला कहलाता है
- कर्नल जेस्म टॉड के अनुसार सिरोही का प्राचीन नाम शिवपुरी था जो बाद में अपभ्रंश होके सिरोही हो गया
- सिरोही में गरसिया जनजाति सर्वाधिक मात्रा में है
- यहां पर शासक करने वाले राजाओं में मुख्यत मोर्य, हुन की, प्रतिहार ओर सोलंकी है
- चंद्रबरदाई के अनुसार चौहानों की उत्पति आबू पर्वत पर स्थित अग्निकुंड से हुई थी
- आबू पर्वत - आबू पर्वत राज्य का एकमात्र पर्यटन स्थल है
- कर्नल जेम्स टॉड ने इसे हिन्दू ओलम्पस कहा था
- आबू पर्वत पर बहुत सारे मंदिर स्थित है
- नक्की झील - यह झील आबू पर्वत पर स्थित है ऐसा मानना है कि देवताओं ने अपने नाखून से इस झील की खुदाई की थी इसलिए इस झील का नाम नक्की झील है
- टॉड रॉक - नक्की झील के पास में ही एक विशाल पत्थर की चट्टान जिसकी आकृति मेंढक के समान है इसलिए इसे टॉड रॉक कहते है
- नन रॉक - टॉड रॉक चट्टान के पास में ही एक घूंघट निकाले स्त्री के समान चट्टान है जिसे नन रॉक कहते है
- गुरुशिखर - अरावली पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटी गुरु शिखर है इसकी ऊंचाई 1722 km है कर्नल जेम्स टॉड ने इसे संतो का शिखर कहा
- इस चोटी पर गुरु दत्तात्रेय एवं शिव जी का मंदिर है
- अचलेश्वर महादेव मंदिर - आबू पर्वत पर स्थित इस मंदिर में शिव जी की कोई मूर्ति नहीं है बल्कि उनके अगूंठे की पूजा होती है यही पर एक गहरा खड़डा है जो ब्रह्म खड़डा कहलाता है महादेव के मंदिर के सामने एक नंदी की मूर्ति स्थापित है जिसकी पीठ पर चोटों के निशान है कहा जाता है कि अहमदाबाद का सुल्तान महमूद बेगडा ने खजाने के लालच में इस नंदी की मूर्ति को तोड़ना चाहा इसलिए इसके पीठ पर चोटों के निशान है
- देलवाड़ा के जेनमदिर - यह मंदिर 11वी से 13वी शताब्दी में बने हुए है यह मंदिर अपने स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है देलवाड़ा के जेन मंदिर पांच मंदिरों का समूह है
- जिसमे प्रमुख विमलशाही ओर लूनवशाही है
- विमल शाही मंदिर - इस मंदिर का निर्माण विमलशाह ने 1032 ई में करवाया था यह मंदिर जेन तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है
- लुनवशाही - इस मंदिर का निर्माण वस्तुपाल ओर तेजपाल ने करवाया था यह मंदिर जैन धर्म के 22 वे तीर्थंकर आदिनाथ को समर्पित है
महत्वपूर्ण तथ्य
- बाजना गणेश की मूर्ति - सिरोही
- तलवारों के लिए प्रसिद्ध - सिरोही
- किरोड़ी ध्वज का सूर्य मंदिर - आबू पर्वत
- राज्य का पहला इंटरनेट कैफे - आबूरोड
- राज्य में सर्वप्रथम नगर पालिका का गठन - 1875 में
- आबूरोड
- अचलगढ का किला - परमार राजाओं द्वारा बनाया हुआ दुर्ग
- भृतहरी की गुफा - आबू पर्वत
- अर्बुदा देवी का मंदिर - यह आबू पर्वत पर स्थित है इन्हे अधर देवी भी कहते है
- दुधबावड़ी - किवदंती के अनुसार यह बावड़ी दूध से भरी रहती थी इसकी जल धारा दूध के समान होने के कारण इसे दूध बावड़ी कहा जाता है
- दूध बावड़ी के पास में ही एक जैसे तीन भेंसो की प्रतिमा स्थित है
- लख चौरासी - आबू पर्वत , यहां मनुष्य के 84 लाख योनियों के पद चिन्ह अंकित है
- कुआरि कन्या का मंदिर - आबू पर्वत इसे रसिया बालम का मंदिर कहा जाता है
- वन्य जीव अभयारण्य - यह जंगली मुर्गों के लिए प्रसिद्ध
- प्रजापति ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय - माउंट आबू
- गोर मेला - सियावा
- मारकंडेश्वर मेला - अंजारी गांव (गरसिया ) समुदाय का सबसे बड़ा मेला
- अंग्रजों से संधि करने वाली अंतिम रियासत - सिरोही
- वरमान का सूर्य मंदिर - 7 वी शताब्दी का सबसे प्राचीन सूर्य मंदिर
- सावन भादो झील - सिरोही
- देवरानी जेठानी का मंदिर - देलवाड़ा
- ओखा रानी का महल - अचलगढ
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