जालोर जिला सामान्य ज्ञान
जालोर जिला
- उपनाम - जालोर को ग्रेनाइट सिटी के नाम से जाना जाता है
- इसे सुवर्ण नगरी के नाम से भी जाना जाता है
- जबालि ऋषि की तपोभूमि होने के कारण जालोर को पहले जबालीपुर के नाम से जाना जाता था
- जालोर नगर सुकड़ी नदी के किनारे बसा हुआ है
- सुकड़ी नदी पर बांकली बांध बना हुआ है
- जालोर दुर्ग - इसे जल दुर्ग कहते है इसका निर्माण 10 शताब्दी के परमार शासकों ने करवाया था इसे सुर्वनगीरी / सोनलगढ़ कहते है अलाउद्दिन खिलजी ने इस पर आक्रमण करके इसका नाम बदलकर जलालाबाद कर दिया था
- जालोर दुर्ग में अलाउद्दिन खिलजी की दरगाह स्थित है
- सुंधा माता मंदिर - यह मंदिर सुंधा पर्वत पर स्थित है यहां होली पर भाटा गेर नृत्य का आयोजन होता है
- राज्य का प्रथम रोप वे सुंधा पर्वत पर ही है
- चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भीनमाल को पोलोमोलो कहा था
- महाकवि माघ की कर्मस्थली भीनमाल जालोर है कवि माघ को राजस्थान का कालिदास कहा जाता था
- शिशुपाल वध - महाकवि कालिदास का महाकाव्य
महत्वपूर्ण तथ्य
- लूणी नदी का अपवाद क्षेत्र - रेल / नाडा
- तलीनाथ जी का मंदिर - पंचोता गांव जालोर
- मलिक शाह पीर की दरगाह - जालोर
- वीर फत्ता जी छतरी - सांथू गांव जालोर
- आशापुरा माता का मेला - मोंदरा जालोर
- गोगाजी की ओल्डी - सांचौर
- मामादेव के घोड़े - हरजी गांव जालोर
- खिमज माता / क्षेमकरी माता - जालोर
- जहाज मंदिर - यह जैन धर्म का मंदिर है यहां श्री शांतिनाथ प्रभु की प्रतिमा स्थित है इस मंदिर का स्वरूप जहाज के समान है
- राज्य का प्रथम गोमूत्र बैंक - सांचौर
- पथमेड़ा गोशाला - सांचौर
- यहां का प्रसिद्ध नृत्य - ढोल नृत्य
- राजस्थान का प्रथम भालू अभ्यारण्य - जसवंतपुरा सुंधा माता क्षेत्र
- भीनमाल का पुराना नाम - श्रीमाल
- सांचौर का पुराना नाम - सत्यपुर
- राजस्थान का पंजाब - सांचौर
- 72 जिनालय - भीनमाल यहां पर जैन धर्म के 24 तीर्थ करों की 3-3 मूर्तियां है
- सिरे मंदिर - जालोर दुर्ग सामने, नाथ सम्प्रदाय के प्रसिद्ध योगी जलांधर जी की तपोभूमि
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