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Tuesday 19 May 2020

बारां जिला सामान्य ज्ञान

               बारां जिला सामान्य ज्ञान

                         बारां जिला


बारां जिला दक्षिण पूर्वी हाड़ौती क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।
इसकी स्थापना 14 सदी के मध्य सोलंकी राजपूतों के द्वारा स्थापित की गई थी।
प्राचीनकाल में यह 12 तालाब थे उनको पाटकर बारां नगर बसाया गया
इसका उपनाम - वराह नगरी है।
राजस्थान में सर्वाधिक सहरिया जनजाति बारां में है। यह बारां के शाहबाद ओर किशनगंज में निवास करती है।
शेरगढ़ दुर्ग - इसे कोषवर्धन दुर्ग कहते है। यह दुर्ग परवन नदी के किनारे पर स्थित है, यह शाहबाद में स्थित है
शाहबाद दुर्ग - यह दुर्ग राजा मुकुट मणि द्वारा बनाया गया था इस दुर्ग में कुंडा का खोह नाम का झरना है, यहां राज्य की सबसे बड़ी तोप नवलखा बाण तोप है इसकी लंबाई 19 फीट है।
शाही जामा मस्जिद - यह शाहबाद बारां में स्थित राजस्थान की सबसे बड़ी मस्जिद है, इसका निर्माण ओरंगजेब ने कराया था।
ब्राह्मणी माता का मंदिर - ब्राह्मणी माता का मंदिर सोरसेन बारां है, इस मंदिर में मूर्ति की पूजा नहीं होती बल्कि मूर्ति की पीठ की पूजा होती है, पीठ को ही भोग लगाया जाता है।

भंडदेवरा शिवालय - यह शिवालय रामगढ़ बारां में स्थित है।यह मंदिर पंचायतन शैली में निर्मित है। इस मंदिर पर उत्कीर्ण मिथुन मूर्तियों के कारण इसका नाम भंडदेवरा  पड़ा। यह राजस्थान का मिनी खजुराहो कहलाता है। इस शिवालय के गृभग्रह में लगे हुए एक शिलालेख के अनुसार इसका निर्माण 1219 ई में हुआ था।
काकुनी मंदिर - परवन नदी के किनारे पर स्थित यह एक मंदिरो का समूह है यह मंदिर मुकुंदरा की पहाड़ियों के मध्य स्थित है।
सीताबाड़ी - बारां में स्थित यह एक धार्मिक स्थल है यहां सीता माता, लक्ष्मण मंदिर,राम मंदिर,लवकुश मंदिर है,
गड़गच्च देवालय - यह मंदिर अटरू बारां में स्थित है।
राजस्थान में सर्वाधिक सुरक्षित वन बारां जिले में स्थित है।
शेरगढ़ अभ्यारण्य - परवन नदी के किनारे में स्थित इस अभ्यारण्य को सांपो की शरणस्थली मानी जाती है।
शाहबाद में पान की खेती सर्वाधिक की जाती है
मेलें - 
सीताबाड़ी मेला - यह सीताबाड़ी बारां में लगता है। , यह मेला सहरीया जनजाति का कुम्भ कहलाता है। यह हाड़ौती अंचल का प्रसिद्ध मेला है
धनुष लीला मेला - यह मेला अटरू में लगता है
ब्राह्मणी माता का मेला -सोरसेन बारां में लगता है।
डोल मेला - यह प्रसिद्ध मेला शाहबाद बारां में लगता है।
कपिलधारा का मेला - सीताबाड़ी बारां
बिजासन माता का मन्दिर - छबड़ा बारां
शाहबाद में थानेदार नाथूसिंह की छतरी स्थित है
बड़गांव की बावड़ी - अंता बारां
सहरिया विकाश कार्यक्रम - यह बारां के शाहबाद व किशनगंज में चलाई जा रही है जिससे सहरिया समाज के लोगो को मुख्य धारा में जोड़ा जा सके।
टेरीकॉट साड़ी - मांगरोल बारां की साड़ी प्रसिद्ध है।
नेकबाबा की दरगाह - शाहबाद बारां
फूल देवता मंदिर - इसे मामा भांजा का मंदिर भी कहते है, यह अटरू बारां में स्थित है।
बेंथली परियोजना - बारां
बिलास परियोजना - बारां
परवन लिफ्ट परियोजना - बारां
राज्य का तीसरा सबसे बड़ा बिजली घर - छबड़ा बारां
धारी संस्कार - सहरिया समाज के लोग सीताबाड़ी के कुंड में अस्थियों का विसर्जन करते है, इसे धारी संस्कार कहते है।
प्राकृतिक गेस आधारित विद्युत सयंत्र - अंता बारां
छिपांबड़ोद - यहां पर लकड़ी की वस्तुएं, कपड़े पर बुनाई प्रसिद्ध है।
शाहबाद बारां में दो बावड़ीया ओस्ती जी की बावड़ी , तप्सी जी की बावड़ी है।
गुदड़ी पंत की पीठ बारां में स्थित है।
वीर तेजाजी का मन्दिर - जलोदा गांव में वीर तेजाजी मंदिर है।
लहसुन मंडी - छबड़ा बारां

                      rajasthsn gk

6 comments:

  1. Mene to ye pdha ki ......fuldol mela shahpura,bhilwara me orr dol mela baran me lgta h

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    1. राजस्थान में फूलडोल मेला दो जगह भरता है एक शाहबाद बारां जिले में ओर दूसरा शाहपुरा भीलवाड़ा में

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  2. Orr shahriya jnjati ka kumbh seetabari ke mele ko khte ..h ye bhi.

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    Replies
    1. धन्यवाद,हम अवगत कराने के लिए

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    2. Na ..thanks to me bolta hu ..jo aapne itna acha page bnaya ..muzhe bohot acha lga 😊

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thanks


rajasthan gk

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