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Thursday 21 May 2020

झालावाड़ जिला सामान्य ज्ञान

         झालावाड़ जिला सामान्य ज्ञान  

                  झालावाड़ जिला

उपनाम - राजस्थान का नागपुर, झालाओ की भूमि, ब्रजनगर
झालावाड़ का प्राचीन नाम उम्मेदपुर की छावनी था।
झाला झालिम सिंह ने 1791 ई में झालावाड़ नगर की स्थापना की थी।
राजा मदन सिंह ने  1838 में झालवाड़ राज्य की स्थापना की।
यह राजस्थान की सबसे नवीन रियासत थी।
यह जिला कालीसिंध नदी के किनारे स्थित है।
राजस्थान के दक्षिण पूर्व में भाग में स्थित झालावाड़ पठार पर झालावाड़ स्थित है।
राजस्थान में ओसत वार्षिक वर्षा झालावाड़ जिले में होती है।
झालावाड़ व प्रतापगढ़ का क्षेत्र मालवा कहलाता है।
चंद्रावती - इस नगर का निर्माण मालवा के राजा चंद्रसेन ने कराया था।
गागरोन दुर्ग - यह दुर्ग कालीसिंध ओर आहू नदियों के संगम पर स्थित है। यह दुर्ग जल दुर्ग की श्रेणी में आता है।
मीठे शाह की दरगाह - यह दरगाह गागरोन दुर्ग में स्थित है यह संत हम्मिमुद्दिन की दरगाह है।
नवलखां दुर्ग - इस दुर्ग का निर्माण झाला राजा पृथ्वी सिंह ने 1860 में कराया था।
मनोहर थाना दुर्ग - यह दुर्ग परवन ओर (घोड़ा पछाड़ नदी) काली खाड़ नदी पर स्थित है।
भवानी नाट्यशाला - इस नाट्यशाला का निर्माण कलाप्रेमी राजा भवानीसह ने 1921 में की थी,यह नाट्यशाला ओपेरा शैली में निर्मित है।
सूर्य मंदिर - झालरापाटन में स्थित इस मंदिर को पद्मनाथ मंदिर भी कहते है। इस मंदिर में शिव ओर विष्णु भगवान दोनों की मूर्तियां स्थापित है। इस मंदिर को सात सहलियो का मंदिर भी कहते है। कर्नल जेस्म टॉड ने इस मंदिर को चारभुजानाथ मंदिर भी कहते है। यह मंदिर कच्छपघात शैली से निर्मित है।
संत पिपा जी - यह दर्जी समुदाय के आराध्य देव माने जाते है।
संत पीपा जी का नाम प्रताप सिंह खींची था और यह गागरोन के शासक थे । संत पीपा जी रामानंद जी के शिष्य थे और निर्गुण भक्ति के संत थे। 
राजस्थान में निर्गुण भक्ति परम्परा की अलख जगाने वाले प्रथम संत पीपाजी थे। संत पीपाजी की छतरी गागरोन दुर्ग में है।
कोलवी की बौद्ध गुफाएं - यह गुफाएं कोलवी गांव झालावाड़ में स्थित है। पहाड़ी की चोटी पर 35 कोलवी गुफाएं निर्मित है। यहां पर पांच खंड है इसमें तीन स्तूप ओर दो मंदिर है।
यह गुफाएं राजस्थान की एलोरा कहलाती है।


                        महत्वपूर्ण तथ्य
भीम सागर परियोजना - झालावाड़
भीमसागर बांध - झालावाड़
चोली बांध - झालावाड़
चंद्रभागा पशुमेला - इसे हाड़ौती का सुरंगा मेला कहते है। यह मेला झालरापाटन में आयोजित होता है। चंद्रभागा नदी के किनारे इस मेले का आयोजन कार्तिक पूर्णिमा को होता है। यह एक राज्य स्तरीय मेला है।
गोमतीसागर मेला - झालरापाटन में वैशाख पूर्णिमा को इस मेले का आयोजन चंद्रभागा नदी के किनारे होता है।
गागरोन उर्स - गागरोन दुर्ग में
शितलेश्वर महादेव मंदिर - झालरापाटन में स्थित इस मंदिर को चंद्रमोली मंदिर भी कहते है। राजस्थान में तिथियुक्त मंदिरो में सबसे प्राचीन मंदिर है
काठ का रैन बसेरा - यह लकड़ी से बना रैन बसेरा झालावाड़ में स्थित है। इस विश्राम गृह का निर्माण देहरादून शोध संस्थान द्वारा किया गया है।
शांतिनाथ जैन मंदिर - झालरापाटन में स्थित यह मंदिर कच्छपघात शैली का है।
हरिहरेश्वर मंदिर - बहराना गांव में स्थित है
चांदखेड़ी के जैन मंदिर - यह मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है।
बिंदौरी नृत्य - झालावाड़ का प्रसिद्ध नृत्य, विवाह के अवसर पर किया जाता है।
राजस्थान का दूसरा साइंस पार्क - झालावाड़
सिटी ऑफ वेल्स - झालरापाटन
             rajasthan gk in hindi


4 comments:

  1. Very Nice... Useful knowledge.. Thank you..

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    1. धन्यवाद प्रतिक्रिया देने के लिए

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  2. Vry vry useful for rpsc exams🤟🤟🤟

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    1. धन्यवाद प्रतिक्रिया देने के लिए

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thanks


rajasthan gk

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